दिल से कहनी थी एक बात......
छुटे कभी ना मुझसे उनका हाथ.....
जिनके साये में पली बड़ी....
जिनके हाथों में दिन रात हू खेली.....
उनसे सीखी ना जाने कितनी बातें......
दिए जिन्हुने मुझे खुशहाल से दिन और बेफिक्री रातें....
हाथ पकड़ कर चलना सिखा...
उनके साथ के साथ मैंने आगे बढ़ना सिखा....
छुटे कभी ना मुझसे उनका हाथ.....
जिनके साये में पली बड़ी....
जिनके हाथों में दिन रात हू खेली.....
उनसे सीखी ना जाने कितनी बातें......
दिए जिन्हुने मुझे खुशहाल से दिन और बेफिक्री रातें....
हाथ पकड़ कर चलना सिखा...
उनके साथ के साथ मैंने आगे बढ़ना सिखा....
सुख और दुःख की परिभाषा....
सही को सही और गलत को गलत कहने की शिक्षा...
अपने अस्तित्व का हिस्सा बना के रखा अपने पास.....
मेरे माँ बाबा बस वोही तो है मेरे वो खास....
मेरे माँ बाबा बस वोही तो है मेरे वो खास.....!!!
निशा
सही को सही और गलत को गलत कहने की शिक्षा...
अपने अस्तित्व का हिस्सा बना के रखा अपने पास.....
मेरे माँ बाबा बस वोही तो है मेरे वो खास....
मेरे माँ बाबा बस वोही तो है मेरे वो खास.....!!!
निशा
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