Tuesday, September 25, 2012

लगन जिया की...

लगन जिया की नयी रुत को साथ लेके आई है......
प्यार में सराबोर भीगते मौसम की रुत छाई है .......
हवाओं का भी रुख देखो बदलने लगा है.......
उसमे हर एक के मन में मोहब्बत की कशिश का एहसास जगा है.........
कोई इसमें है दिलवाला तो कोई दिलजला है........
दीवानगी है तिश्नगी है चाहत का रब मिला है.........

निशा :)

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