Wednesday, April 17, 2013

आतंकवाद एक सबसे बड़ा भय...

ज़िन्दगी को लेना और देना हमारे बस में नहीं पर आज के समाज का चेहरा कुछ और ही कहानी कहता है जिसमे आतंकवाद एक सबसे बड़ा भय है इंसानियत को जड़ से उखाद्द देने का भय……:-

रक्त से लतपत लाशों का ढेर था,
दहशत से थरथराता शेहेर का वो कोना,
आँखों में विलुप्त खौफ का मंज़र था,
रोज़ मरती इंसानियत का ऐसा रूप हो ना,

कितनी भावनाओं का किया कत्ले-आम,
कितने घरों का सपना टूटा,
कितने आँखों को दिए अश्रु,
कितने अपनों  का साथ छूटा,
इंसान की इस वैशी प्रवृत्ति का,
सही अर्थ कोई मुझे समझाए,
मासूम  ज़िन्दगी से खेलते,
इस घ्रणित कृत्य को होने से कोई तो रोक पाए,

कभी मज़हब, कभी देश, कभी ज़मीर का लिया आसरा,
किसी  न किसी को मकसद बना के लूटा ज़िन्दगी भरा बसेरा,
भय में लिपटे आज के सच की कटुता का है ये चेहरा,
आतंक के इस भयानक रूप से परिचय हुआ मेरा……
आतंक के इस भयानक रूप से परिचय हुआ मेरा…………!!!!!

निशा :) smile always

Monday, April 15, 2013

जीवन की आखिरी साँसों में सबसे ज्यादा महत्व रखता है अपनापन, आशा है मेरी- कभी ना आये जीवन में किसी के संघर्ष भरा ये क्षण:-

हाथों का कम्पन, सवालों की उलझन,
उम्र का तकाजा, माथे पर शिकंज,
आँखों का धुंधलापन, फिक्र भरा खोखला मन,
सोच की गिरफ्त में मौजूद, साँसों से दूर भागता तन,
फ़र्ज़  अधिकार की बेड़ियों से लिपटे, बूढ़े मन से छूटी सारी  अभिलाषा,
मायूस बना के छिना अपनों ने ही, जीवन से उनके जीने की आशा,
खून पसीने से सींचकर, जिस औलाद के लिए की कुर्बान जवानी,
आज उसी ने  सर से छत छिनी, दो घूँट भी पूछा  न पानी,
बूढ़ा नकारा  समझ, उनका आदर, उनकी क़द्र ना जानी,
मुझे वृद्धाश्रम में मिली  ऐसी अनगिनत काहानी,
ये है उन लोगो का विस्तार जिन्हें जीने का मिला न आधार,
अकेलेपन से जुझते दर्द के बीच इंतज़ार में बीता उनके जीवन का सार…. !!!
निशा  :) smile always
चंद राहों का चिराग बन मैं उसके लिए मंजिल ढून्ढ लाऊं,
अँधेरे की क्या फिक्र फिर वो कहे तो चाँद को भी उसका घर बनाऊं,
दास्ताँ उसके दम से है वो नहीं तो जीने की वजह क्या बतलाऊं,
उसे भुलाने की खता नहीं कर सकती कभी ऐसा हो तो खुद को ही भूल जाऊं …!!!!

निशा :) smile always
कहते है दुनिया वाले जिसे मोहोब्बत,
शायद मेरी किस्मत को वो नहीं हासिल,
इतने बेआबरू हो कर तेरे कूंचे से हम निकले,
कि टुकड़ों में बाँट के भेजा तूने शीशे सा मेरा ये दिल ....!!!

निशा :) smile always

तुमसे रोशन सारा आसमान....

चाँद की चांदनी का हुआ उसे गुमान,
खुद की बेशुमारी में कितना उलझा था वो बेइमान,
सितारों की महफ़िल ने उसे रोका  एक शाम,
कहा न तू इस कदर जुल्म ढा हम पर हो थोडा मेहरबान,
तेरी रोशनी का सब लुत्फ़ उठाते है और तेरे आगे हम फीके पड़ जाते है,
चाँद ने भेजा  उनको वापस ये  पैगाम ,
मैं तो बस दो ही दिन का हूँ यहाँ  मेहमान,
तुमसे तो रोशन है ये सारा आसमान , फिर क्यूँ फिक्र में हो इतने परेशान,
मैं हूँ अगर जिस्म तो तुम सब हो इस ब्रह्मांड की जान,
तुमसे तो रोशन है ये सारा आसमान,
तुमसे तो रोशन है ये सारा आसमान…….!!!

निशा :)

अश्क....

अश्क नयनों की सुर्ख़ियों का किस्सा जतलाते है,
अश्क ह्रदय में दफ़न सूनेपन की विरह को बतलाते है,
अश्क आँखों के चिलमन से उतरकर दर्द की दास्ताँ सुनाते है,
अश्क सुलगी रातों में बहकर अँधेरे का अर्थ समझाते है,
अश्क फिक्र की आग में जलकर व्यर्थ मन को और कमजोर बनाते है,
अश्क स्वप्न में  उलझी अधूरी ख्वाहिश को और बढाते है,
अश्क यादों की चिंगारी में झुलसते दिल को और तड़पाते  है,
अश्क सीने के एक -एक हिस्से में बसे हर शख्स के लिए प्यार को महसूस कराते है,
इसलिए अश्क हीरे- मोती से ज्यादा अनमोल कहलाते है,
क्यूंकि ये अश्क ही हैं जो रिश्तों के मिलन की वजह बन जाते है…… !!!

:निशा :) smile always

एक तसल्ली....

एक तसल्ली को साथ लिए जीते है हम,
की दर्दे दिल की बेतहाशि कभी तो होगी कम,
तेरे तस्सवुर को मेरी तकदीर का हिस्सा बना मेरे सनम,
शायद तब मेरी ज़िन्दगी से रुखसत हो जाये ये सारे  ग़म …।

  

निशा :)smile always

भय....

इंसानी मन भयभीत बन, हर सच्चाई  से घबराता है,
गलत के आगे घुटने टेक, विपदा फिर उसे मिले अनेक ,
संघर्षमय जीवन से बचकर, फिर उसी दुविधा भरे भय से वो टकराता है,
रब की देन जीवन से प्रेम, निर्भयता को जब वो अपनाता है,
हार को छोड़ जीवन को दे नया मोड़, फिर जीत का हर परचम वो फेहराता है……।!!!

निशा :) smile always

कलयुग की ये दुनिया.....

अच्छाई की कीमत है कितनी,
दो गज ज़मीन जितनी ,
नेकी कर दरिया में डाल,
ना कर तो दुनिया  खड़े करे सवाल,
रोटी , कपडा और मकान,
एक वक़्त सिर्फ इसके लिए जीता था इंसान,
आज बना इतना बेइमान,
झूठ, कपट, लालच, हवस भरी सोच लिए खुद में हैरान,
सुख का भागिदार बने हर कोई,
दुःख की घडी में अपनों की ही नियत सोयी,
देखो कितनी विडम्बना है छाई,
कलयुग की ये अजब अनोखी दुनिया में,
मिले आगे कुआँ पीछे खाइ……. !!!
निशा :) smile always

गुजरे कल से निकलकर ………. …

गुजरे कल से निकलकर मेरा आज,
आने वाले कल से जो टकराएगा,
नए दौर में बदलेंगे रोज़ के किस्से,
सामने चुनौती देता ये वक़्त जाने क्या- क्या दिखलायेगा,
बीती बातों में थी शर्म हया,
घूँघट में छिपा था चाँद कभी,
पर आज किसी को कहाँ  फिकर,
खुलेपन के इस  दौर से कौन शख्स यहाँ बच पायेगा,
मोल थे पैसे के बहुत,
एक-एक दाने को मुहताज था कभी,
पर आज इन सब का करे कौन ज़िकर,
हाथों के मैल के जैसा ये भी कभी कम कभी ज्यादा तू पायेगा ,
ज़िन्दगी की हिस्सेदारी मे,
प्यार था अनमोल कभी,
धीरे-धीरे सीमा से परे ,
इस अनमोल शब्द का अर्थ भी विचलित मन भूलता जाएगा

गुजरे कल से निकलकर ………. ……।!!!

nisha :) smile always

सूनापन....

एक अजीब सा सूनापन, एक अजीब सी खलिश है,
बहुत बेजार से दिन गुजरे मेरे, बहुत मायूस ये तपिश है,
पीछे मुड के देखूं बार-बार, तो खुद में ही सवाल उठे,
आगे बढूँ जो दो कदम भी, तो मुझसे रूठी राहें   मुझे रोके,
तकिये पर रोज़ ख्वाबो का मंजर टूटता बिखरता दिखता मुझे,
सुबह की किरण से ओझल हो सब, दिल तो फिर भी संभाले न संभले,
राख से उभर कर आये थे, फिर उसी राख में एक दिन दफ़न हो जाएगा,
शरीर भी एक दिन इस दुनिया में अपने होने की कीमत अलविदा कह चुकाएगा …. !!!

nisha :) smile always

Thursday, April 4, 2013

मेरे हालात...

दो पल के सिलसिले नहीं ये दिल के जज़्बात है,
प्यार के लब्जों से सजे कुछ ऐसे खयालात है,
जिस्म से रूह तक पहुंचा इसका कारवां,
मोहोब्बत से निखरे इश्क में मशरूफ कुछ ऐसे मेरे हालात है…….!!!
निशा :) smile always

एक मेहमान...

खुबसूरत एहसास ने दिल में बुलाया एक मेहमान,
प्यार की अनछुई सी पूरी की उसने दास्ताँ,
फूल खिले ख्वाहिशों  के जागते रहे अरमान,
चाहातों की वादियों में खिला मोहब्बत का गुलिस्तान,
साहिलों पर खड़ी  मंजिल न खोजे  कोई कश्तियाँ,
 हाथ थामे जो चल दिए तो साथ जैसे सारा जहां,
तिन-तिन कर नन्हे सपनो से जोड़ा ये तेरा मेरा आशियाँ,
खिलखिलाती जमीन की महक जिसमे, उजाले लिए अपने संग खुला आस्मान……

निशा :)smile always

तलाश...

हर घडी हर पल करे तलाश कुछ पाने को,
बेचैन, बेसब्र, बेकरार हर जगह  जीत जाने को,
रोज़-रोज़ सपनो की गलियों से होकर गुजरता रास्ता,
मंजिल को खोजे यूँ जैसे किसी से न रहे इसका वास्ता,
नियत में बस इसके कुछ कर दिखाने की ललक दिखे,
आरजू को सच करने की  हर मुमकिन कोशिश जगे,
हालात के हर दर्द से लड़  जाये  बार- बार,
मजबूत इरादे कर चाहतों की उम्र बढाए हज़ार,
ये मन की काबिलियत जो करे द्रुद निश्चय तो मौत से भी जीत जाये रोगी,
शब्द कम पड़ जायेंगे पर  इसकी सीमा ख़त्म न होगी ……।

nisha :) smile always

काश ऐसा हो....

काश ऐसा हो की तू सपना कोई देखे,
तो उसको साकार मैं कर  जाऊं,
काश ऐसा हो की किसी दर्द से तेरी शाम जो  गुजरे ,
तो पहली  किरण से खुबसूरत सुबह तुझे दे जाऊं,
काश ऐसा हो की तेरी आँखों में  और चेहरे पे ख़ुशी जो दिखे,
तो  कारण का पहला नाम मैं ही कहलाऊं,
काश ऐसा हो की तू पीछे पलट के जो देखे,
तो किसी और से पहले मैं ही सामने आऊँ,
काश ऐसा हो की तू रूठे जो किसी से,
तो मनाने की हर कोशिश में मैं तुझको मनाऊं,
काश ऐसा हो की जो महसूस हो तुझे अकेलापन,
तो तेरी परछाईं बन मैं तेरी हर कमी को पूरा  कर जाऊं,
काश ऐसा हो की तू खुद में टटोले खुद को,
तो मेरे अक्स में मैं तेरी ही छवि को पाऊं .........!!

nisha :) smile always

जीवन का सारांश....

दिन  के उजाले और रात के टिमटिमाते तारे,
रोशनी दे ऐसी धरती का हर एक कोना सवारें,
सुबह की किरण और चाँद की चांदनी के नज़ारे,
अँधेरे  को छोड़ उजाले की तरफ बढ़ने का मकसद दे ये सारे

हवाओं का रुख और बादलों का गरजना,
जैसे बिन बुलाई विपदा का ज़िन्दगी में आना,
बिजलियों का कड़कना और बिन मौसम बरसात का होना,
जैसे दुःख की घडी में अपनों का रोना

उसने किया सृष्टि का निर्माण यूँ,
जैसे हर एक के अस्तित्व का है कुछ कारण यहाँ,
कहीं सजल तो कहीं प्रबल है वक़्त क्यूँ ,
मानवता के जीवन का सारांश छुपा है जाने कहाँ ……!!!! 

निशा :) smile always

तू रूठ जाये....

रूठे मुझसे मेरी किस्मत,
जो तू मुझसे रूठ जाये,
शीशे से दिल के बिखरे तुकडे,
 दर्द के किस्से सुनाये,
अधूरे एहसास लिए तेरी याद में,
मेरा रोम रोम चिल्लाये,
मेरी मोहब्बत का असर हो कुछ ऐसे,
के लौट के तेरे कदम मेरे पास आये…!

nisha :) smile always

तन्हाई और मायूसी

वक़्त मायूस बन जब ज़िन्दगी को रुलाये,
तन्हाई से भरा दर्द का आलम देखो कितना सताए,
शिकायत दिल में उठे और शिकवा ज़िन्दगी से बढ़ता जाये,
रूठने का मौसम हो और मानाने कोई न आये,
सपना हर अधुरा लगे, हकीकत से मन घबराए,
कोशिश कितना भी करे नाकामयाबी ही हाथ आये,
प्यार की कशिश भी कोई असर ना कर पाए,
साथ हो किसी का भी अकेला ही मन रह जाये,
भीगे दामन से एहसास सारे एक कदम भी आगे न बढ़ पाए,
वक़्त मायूस बन जब ज़िन्दगी को रुलाये,
तन्हाई से भरा दर्द का आलम देखो कितना सताए.......!!

निशा :)smile always

इन्सान

अंतर्दुंद से लड़ता इसका मन,
रहे हर दम परेशान,
झूठ से डरता सच से सकुचाता,
खुद में ही बेइमान,
कभी समुन्दर की लहरों सा बहता,
कभी खोखला कभी वीरान,
आने वाले वक़्त से घबराये,
खोजे गुजरे समय के निशान,
दुसरे की विपदा से भागे,
भली खुद की जान,
भगवान् की इस अदभुत रचना का,
नाम है इन्सान…….!!!!

निशा :) smile always
समझ और समझदारी की बेजोड़ गांठ बांध तू,
जो चल पड़े खोजने नए रास्ते और नया सफ़र,
मिले हर एक मंजिल उलझी हुई सी हर एक पथ हर एक डगर,
मशक्कत जो करनी पड़े तो तू उससे कभी न डर,
फलसफा है ये ज़िन्दगी का छोड़ जा अपने निशाँ इस तरह,
की दुनिया पे रह जाये तेरी मौजूदगी का कुछ असर ....!!!

nisha :) smile always

Monday, March 18, 2013

नींद ना आई.....

रात ने बोला सोजा मेरे कंधे पर सर रखकर,
की सुबह होने में बहुत देर है अभी,
चाँद की रोशनी ने कहा रोककर,
ठहर  मदमस्त रोशनी का ले मजा नींद आएगी तुझे तभी,
सितारों के भी अंदाज़ थे निराले देखा झांककर,
करी रोकने की कोशिश उन्हॊने भी,
पर फिर महफ़िल लगा के बैठे जो यूँ तो,
बादलों की गर्जन से फिर छुप गए सभी,
बारिश की बूंदों ने तो हाथ थाम लिया,
कहा न मिलेगा ये प्यार का वापस मौसम कभी,
कुछ पल में ही सुबह की किरण ने चेहरे पे जो दी रोशनी,
तो दिल ने कहा रात तो यूँही गुजर गई, नींद कहाँ आएगी हमे अभी,
रात तो बस यूँही गुजर गई अब नींद कहाँ आएगी हमे अभी …….!!!

निशा :)smile always

Sunday, March 17, 2013

खुदा से पूछूँ......

तरसते और भूख में व्याकुल,
मासूम आस भरी निगाहों से देख,
दोनों हाथ जो उसने मेरी तरफ बढाए,
सोच की गिरफ्त में कैद कर मुझे,
दर्द के किस्से को महसूस कराकर,
खुदा  से पूछूँ  मैं किसी को ऐसे दिन तूने क्यूँ दिखाये……!!!

खुद की तकदीर और किस्मत की लकीर से लड़ती,
इस ज़िन्दगी को क्या दूँ मैं कोई मुझे बतलाए,
हाथों में रखूं उसके मैं कलम और किताबें,
या दो पैसे के राशन से उसके कुछ दिन कट जाये
खुदा  से पूछूँ  मैं किसी को ऐसे दिन तूने क्यूँ दिखाये……!!!

दया की भीख दिखाकर क्या गलती कर रही हूँ मैं,
ये सवाल दिल में उठे बार-बार और मुझे सताए,
सही क्या है और गलत है क्या, इस असमंजस में रहकर,
उस मासूम को देख मेरा मन कुछ समझ न पाए,
खुदा  से पूछूँ  मैं किसी को ऐसे दिन तूने क्यूँ दिखाये……!!!

कहते है स्वावलंबी होना इस दुनिया का सबसे ऊँचा कर्त्तव्य है,
पर कर्म और धर्म के बीच फंसे इंसानी मन को इन सब का फर्क कैसे दिखलाये,
मांगूं मैं दुआ में रोज़ यही की खुदा की रेह्मियत का असर हो ऐसा,
कि इंसान- इंसान में फर्क न रह जाए ...........!!!

 निशा :)smile always

Friday, March 15, 2013

दिल की नगरी

दिल की  नगरी में देखो होता है अक्सर ये किस्सा,
मिले कहीं अंतरिम ख़ुशी के पल कहीं सिर्फ दर्द का हिस्सा,
रिश्ते की नीव पर बनी है इसकी दीवारें,
प्यार, चाहत, मोहोब्बत, वफ़ा और खुबसूरत सोच से हर एक कोना  सवारें,
रोज़ सोच के दरवाजे पर लगता नए लोगो का मेला,
इतनी भीड के बीच भी रहे ये वीरान दिल कितना अकेला,
शिकवा और शिकायत का भी अपना एक फसाना है,
दिल के इस नगर में हर उन हिस्सेदारों का आना जाना है,
जिनके साथ जीने की पूरी हो परिभाषा,
ख्वाबों के सफ़र से चलकर साकार हो अंत में इस दिल से जुडी हर आशा……।!!!!!

निशा :)smile always

Wednesday, March 13, 2013

मौत

  1. मौत की आगोश में सिमटकर,
    जब रुखसत हो रूह किसी की,
    नए जहाँ में शामिल हो,
    हर रिश्ते नातों से परे वो,
    सब बन्धनों को दे तोड़ इस जमीन की,

    देख उस शारीर का जनाजा,
    अश्रुओं से भीगे दामन क्यूँ,
    फिर कभी न खुले उसके लिए इस जहां का दरवाजा,
    यादों को छोड़ चल पड़े इस कदर यूँ,

    खुदा की बनायीं इस रीत का,
    अंत न कोई जान सका ,
    ज़िन्दगी की दौड़ में चलते- चलते,
    अंततः राह का हर मुसाफिर थका,
    अँधेरे के बाद कहते है रोशनी भरा जहां मिले,
    ख़त्म जो हो जाये ये सिलसिला तो क्या पता कौन कब कहाँ मिले…...!!!

    निशा :) smile always

उम्मीदों की गठरी

उम्मीदों की गठरी बांध कर ,
हम जब चल पड़े घर से निकल कर,
काटों की चुभन मिली हर मोड़ पर,
हाथों की लकीरों को मुट्ठी में कैद कर,
मंजिलों को पाने की चाह लिए,
टूटते ख्वाबों को छोड़कर,
हाथों से फिसलती रेत की तरह,
छुटा कहीं किसी का साथ भी,
पर फिर नए रिश्तों की गांठ बांध ,
लिया हाथों में हाथ भी,
सब्र के साथ पुरे किये वादे कई,
सहेजता से पार की मंजिल नयी,
विश्वास खुद में कभी छोड़ा नहीं,
जीने की ललक के साथ,
जिया ज़िन्दगी को जी भर के यहीं .....

nisha :) smile always

अपने जज्बों की कहानी

आज कई दिनों बाद कलम से निकले शब्दों को मैंने जुबान दी,
और फिर एक पन्ने पर अपने जज्बों की कहानी बयान की,
मिलते-बिछड़ते रिश्तों का खूब फ़साना सुना हमने,
कभी खुली आँखों से भी देखे अनगिनत कई सपने,
सवरते, उलझते, और फिर बनते नए रिश्तों को भी अपनाया
खुले आसमान की रोशनी और धरती का बिछौना लिए एक छोटा घरौंदा भी बनाया,
चलते-चलते ज़िन्दगी की दौड़ में न जाने कितनी बार वो मोड़ आया,
जिसमे संघर्ष की परिभाषा थी छिपी पर फिर भी न मन डगमगाया,
चाहत, हसरत, प्यार, वफ़ा, ख़ुशी और नफरत ज़िन्दगी ने ये हर एक रूप दिखाया,
अपने लिए जीते- जीते किसी और की ख़ुशी के लिए भी जीना सिखाया ..........!!!!

निशा :) smile always

कभी

कभी भीगती पलकों ने तन्हाई से करायी मेरी मुलाकात,
कभी खामोश मंजर ने सुनाई चुप रहके हर रूठी बात,
कभी राहों का सूनापन मुझे याद दिलाये तेरा साथ,
कभी बेचैन दर्द का एहसास मुझे झिंझोर के रख दे हर बार,
कभी तेरी कमी को हर वक़्त में खोजू, फिर आँखों की नमी को अन्दर ही समेट  लूँ,
कभी झूठी हंसी से छुपा लूँ दिल के जज़्बात, फिर मन को मनाऊं और बाँटू खुद से खुद के ख़यालात,
कभी भीगती पलकों ने तन्हाई से करायी मेरी मुलाकात,
कभी खामोश मंजर ने सुनाई चुप रहके हर रूठी बात.......!!!


निशा :) smile always

अनमोल रिश्ते

रिश्तों के बंधन होते है अनमोल,
कोई न लगा सके इनका मोल,
बांटों और जियो हर पल को इनके साथ,
बांधों इनमे प्यार की गांठ,
दिल से लाओ नज़दीक हर एहसास,
बनाओ इनमे ही कुछ रिश्तों को ख़ास,
खुबसूरत पल जीकर भर लो इनमे मिठास,
एक पल आये ऐसा जब जुड़ जाये तुम्हारी हर आस,
शायद उस वक़्त जीने के लिए काफी होगा सिर्फ उनका आभास,
फिर हर अकेली राह पर पाओगे उनको अपने आस पास ......!!!!

निशा :) smile always

काश तू आ जाए...

ख़ामोशी का हर मंजर उस वक़्त मुझको कितना सताए ….
जब तेरी याद का हर पल मुझे तेरे पास बुलाये…… ….
रूठे हुए रास्ते का सूनापन मेरे दिल को बेचैन बनाये……
मन की हर एक आस में तेरी छवि दिखे और कहे काश तू आ जाए …….

खुबसूरत हंसी से भरी ठिठोलियाँ......
मासूम बारिश की बूंदों की तडपन फिर याद आये……
तेरे चलते हुए कदमो की आहट की गूंज ........
शाम की देहलीज पर मौजूद वो बातों में कैद हर किस्सा ........
हर पल तेरा मेरा साथ निभाने की वजह कहलाये ……
मन की हर एक आस में तेरी छवि दिखे और कहे काश तू आ जाए ……!!!

nisha :) smile always

मुस्कराने की वजह

मुस्कराने की वजह खोजने निकले हम,
पता चला वो तो है तुझमे ही कहीं गुम,
तेरे चेहरे पे आये जो एक हंसी,
मिले मेरे दिल को सुकून भरी ख़ुशी,
जो तेरी आँखें हो जाये नम,
तो ज़िन्दगी उदास हो मेरा वक़्त बन जाये गुमसुम,
तुझसे ये कैसा नाता जोड़ा मेरे हमदम,
की तेरे बिन एक पल को भी ज़िन्दगी में आगे न बढें मेरे कदम.....!!!

निशा :)smile always

हाथों में लेके हाथ उसका

हाथों में लेके हाथ उसका,
चल पड़े खोजने नए रास्ते और नयी मंजिलें,
सपनो की दुनिया में था चर्चा जिसका,
ले चले उसको हम अपने संग नए ख्वाबों को बुनने,
रुठते और मनाते दौर से गुजरा जो रिश्ता,
मजबूत जोड़ की गांठ बांध प्यार भरे नए सफ़र को चुनने,
मशहूर हो इन रास्तों पे होगा ऐसा कुछ तेरा मेरा हिस्सा,
सुख दुःख की हर रस्म को निभाने में प्यार होगा एक दूजे के सामने......!!!

nisha :) smile always

माँ कहके तेरा पल -पल बुलाना

सुबह शाम तेरा मुझे छोटी- छोटी जिद से सताना,
बोल-बोल कर दिन रात बस अपनी बातों से थकाना,
हर रात मेरे कंधे पर अपना सर रख कर यूँही सो जाना,
जी भर कर तेरा मुझे हर बात पर प्यार जताना,
हर छोटी चोट पर मुझे पुकार कर अपना दर्द दिखाना,
मासूमियत से भरे तेरे ख्यालों तक जाने कितनी बातों का आजाना,
कभी-कभी सपनो से डरकर नींद में तेरा मुझमे सिमटकर पास आना,
बहुत अच्छा लगता है मुझे माँ कहके तेरा पल -पल बुलाना,
बहुत अच्छा लगता है मुझे माँ कहके तेरा पल -पल बुलाना...........!!!!


nisha :) smile always

दबे पैरो की आहट लिए आया कोई मेरे रस्ते...

दबे पैरो की आहट लिए आया कोई मेरे रस्ते....
दिल में एक तस्वीर बनाई और बोला मुझसे हँसते हँसते....
दिल के ज़ज्बातों में डूबी हर एक बात है प्यारी....
पर इनको महसूस करके मुझ पर हंसती है दुनिया सारी......
मैं बोली मेरी बात मान ओह पगले हर किसी से यूँ दिल ना लगा.....
ज़ज्बातों से भरे समंदर के बहाव में खुद को यूँ ना बहा.....
इस दुनिया की रीत है जिसमे तू भी फंस कर रह जायेगा.....
अपने हिस्से का सब जी लेंगे बस तू एक सोच सोच कर पछतायेगा.....
मन के हिस्सेदारों में मिलेंगे कुछ तुझको ऐसे लुटेरे.....
जिनको समझना चाह कर भी तू कभी ना समझ पायेगा.....
वक़्त की कसौटी पर तू सही तब ही कहलायेगा.....
जब दिल की कीमत जान तू उसके सही हिस्से कर पायेगा.....!!!

निशा

Tuesday, January 8, 2013

this poem is dedicated to all the rape victims who had seen the real truth of this unacceptable reality of life, while writing this i was in tears....

आज एक बंद अँधेरी कोठरी में मैंने एक लड़की को पाया,
हैवानियत के दर्द में लिपटा उसका रोम-रोम चिल्लाया,
जिस उम्र में थे करने साकार सपने कई,
उस दौर में उसने अंतरिम दर्द के सिवा कुछ न पाया,
भूखी नज़रों ने जो किया उसपे वार,
जिस्म से आह निकली और दिल का हर हिस्सा टूट कर कहराया,
भूल गए वो दरिन्दे की एक औरत (माँ) ने ही उनको अपनी कोक से जन्माया,
इंसानियत का हैवानियत में बदलता रूप मैंने आज इस दास्तान में पाया,
ज़िन्दगी की इस कड़वी सच्चाई से बदल गयी उसकी हर आस,
हर चीख् मे दबा था उसके टूट कर बिखरने का एहसास,
अकेला छोड़ उसे दुनिया का कोई इंसान न पहुंचा उसके पास,
एक दर्द भरी कहानी का हिस्सा बनके रह गई वो जिसे बनना था कुछ ख़ास,
चाहती हूँ मैं इस दर्द से उभर कर फिर उठे वो एक बार,
अँधेरे रास्ते को छोड़ नयी राह चुन  अब उन अत्याचारियों पर करे वो वार,
गलत को मिले  ऐसी सजा की फिर न कभी किसी लड़की पर कोई नज़र डाल सके,
इज्जत होती है क्या इस समाज को वो अपने हक़ की लड़ाई लड़ फिर बतला सके ...............!!!!!!

निशा :)smile always

इच्छा..........

ऊँचाइयों के शिखर को  छू लेने की इच्छा,
अपने अस्तित्व की खोज में गगंचुमती उम्मीदों को पा लेने की इच्छा,
अँधेरे जहां को रोशनी का आधार दे एक साकार सपने की इच्छा,
कोशिश कर खुद को हर संघर्ष में ज़िन्दगी को जीत जाने की इच्छा,
सुख की तलाश में दुःख के हर दर्द से उभर कर जी जाने की इच्छा,
आज में जीकर आने वाले कल के लिए खुद को सक्षम बनाने की इच्छा,
हर रूठे रिश्ते की नीव को नया रूप देकर हर वक़्त में उसका साथ निभाने की इच्छा,
बरबस चूमती मन की हर ख्वाहिश को ज़िन्दगी का एक मात्र लक्ष्य बनाने की इच्छा,
इच्छा दिल में जीने के जज्बे को नया रूप देकर आगे बढाती है,
हर दिन नए सपनो की दुनिया का एक हिस्सा ये इच्छा ही कहलाती है ......!!!

nisha :) smile always

yunhiii....

दुनिया की भीड़ के बीच मेरे नाम को मिले एक पहचान,
जाना पहचाना सा हो रास्ता या फिर हर राह हो मुझसे अनजान,
अँधेरे को मिले ऐसी रोशनी  उगते सूरज को भेजे कोई सलाम,
बीतते हर पल के साथ लाऊं मंजिल को अपनी ओर चाहे गुजरे कितनी ही सुबह और शाम....!!!

nisha :) smile always

वो वादा करके बीच राह में छोडके चल दिए...........

वो वादा करके बीच राह  में छोडके चल दिए,
हम इंतज़ार में बैठे उनके आने की चाह लिए,
ये कैसा अजीब सा रिश्ता है,
ये कैसी अजीब सी कशिश  है,
दो पल की मुलाकात भी  जैसे हर वक़्त को मिलाने की कोशिश है,
शब्द कम पड़ जायेंगे,
पर शायद वो लम्हे ना आयेंगे,
जिनमे तुम बैठ के  दो पल की हमे बात सुनाओगे,
कभी तो  कहोगे हमसे कभी तो हमे भी बुलाओगे........!!!!

nisha :) smile always

अपने दिल का फ़साना लिख दिया.........

 उनसे मिलकर हमने अपने दिल का फ़साना लिख दिया,
जिसको बस सोचा सपनो में उसको हकीकत में प्यार किया,
शिकायत सिर्फ  इतनी की बेचैन रातों का उन्हने  मेरे सुकून लिया,
 लगता  जैसे हर  जनम मैंने प्यार के हर वक़्त का वादा उन्ही से किया,
किस नाम से  उनको पुकारूँ मैं  कहूँ मेरे  साजन या मेरा पिया,
तुझे  सामने जब भी देखूं  कभी ना कह पाऊं  तू  ही धड़कन तू ही मेरा जीया....!!

nisha:) smile always

my bday 2012

एक और साल का इजाफा मेरी उम्र में जुड़ गया,
गुजरे पलों को साथ ले, आने वाले कल की तरफ मुड गया,
बीते साल में हुई बहुत सारी  बातें, कई बेहेतरीन पल बहुत खुबसूरत नयी मुलाकातें,
जद्दोजेहेत से भरे दिन सपनो से भरी रातें, मजबूत रिश्तो की ज़िन्दगी को मिली सौगातें,
शुक्रगुजार हूँ मैं उन सबका जो ज़िन्दगी में मेरे साथ है चल रहे,
खुदा  की रहमत है की आज इस सफ़र में भी ऐसे यादगार लम्हे है मिल रहे,
इन सब के बीच मैं और मेरा अस्तित्व और निखर गया,
उम्र को बढाने वाला ये साल भी यूँही हँसते-हँसते गुजर गया..............!!!!

निशा :) smie always

आज दिल परेशान सा है...........

आज दिल परेशान  सा है,
थोडा खुद में हैरान सा है,
आँखों में नमी भी है थोड़ी,
थोडा मायूस, खुद से अनजान सा है,
कितनी बातों  से हमने दिल को दुखाया,
लौट कर जिक्र फिर भी तेरा ही मन में आया,
किसी की बेरुखी से तडपे हम इतना,
बहुत बार समझाया पर ये मन न समझ पाया,
रूठी राहों ने जैसे थाम लिया मेरा हाथ,
दर्द के अलावा जैसे किसी ने न दिया मेरा साथ,
अकेलेपन की बेरुखी ने मुझे हर पल दी सजा,
ढूंडा तुझको कितना पर तेरे जाने की मिली न वजह......!!!

nisha :) smile always

फासले इतने बढे तेरे मेरे दरमियान...............

फासले इतने बढे तेरे मेरे दरमियान,
कितने भी कदम चल हम कम हुई न ये दूरियाँ,
फैसले ये दिल के हुए और सितम हुआ हम पर यहाँ,
तोडके जज्बातों का ये सिलसिला छूटा मुझसे प्यार का जहां,

कितना दौर गुजरा  और फिर लौटा तेरे साथ का वो पल,
जिसमे थी बीते वक़्त की यादें पर समझा न क्या है आने वाला कल,
छुपे हुए कल में थी फिर तुझसे बिछड़ने की बातें,
कुछ पल के लिए सही मिली मुझे ज़िन्दगी भर की सौगातें,

तेरे खयालो को साथ लेकर ज़िन्दगी यूँही बीत जाये,
तू कभी लौट कर न भी पर तेरी यादों का झरोखा हर वक़्त मुझे तेरी याद दिलाये,
शब्दों में बयान हो सके तो मन कितना कुछ कह जाये,
फासलों की इन दीवारों पर तेरी तस्वीर अक्सर मुझे समझाए,
तू जहाँ भी जाये मेरी दुआ मेरा साथ हर पल में तू पाए............!!!

nisha :) smile always

ये प्यार..........

दो दिलो के मिलने की कड़ी है ये प्यार,
दिल और जज़्बात  की कहानी कहे ये प्यार,
आँखों के दर्द को  एक पल में महसूस करे ये प्यार,
मिलने की कशिश को और बढ़ाये ये प्यार,
सोच समझने की सूत-बुत भुलाये ये प्यार,
भूली भटकी राहों को सही राह दिखाए ये प्यार,
ख़ुशी भरी छाव के आँगन में एहसास के फूल खिलाये ये प्यार,
शब्दों की लड़ियों को मिलाकर खयालो को रूप दिलाये ये प्यार,
अनजानी राहों पर मिले एक अजनबी से प्यार कराये ये प्यार,
इस छोटी सी ज़िन्दगी को अपने होने से और खुबसूरत बनाये ये प्यार .......!!!!

nisha :) smile always

हसरतों की स्याही से लिखी रोज़ बातें नयी....

हसरतों की स्याही से लिखी रोज़ बातें नयी,
कभी  दम तोडा किसी ने कभी साकार भी हुई कई,
रोज़- रोज़ दिल के बाज़ार में  लगता ख्वाहिश का मेला,
पर फिर भी नादान सा समझे न ये  है भीड़ के बीच बिलकुल अकेला,
ज़िन्दगी की इस दौड़  में हमने खुद को पीछे पाया,
खाली सपनो के पीछे भागते भागते ऐ नादान तू कहाँ मुझको ले आया,
अब कहूँ रुक जा जरा थाम के मेरा हाथ मुझे संभल जाने दे,
सपनो से परे हकीकत के इस सफ़र में अब तो मुझे खुद को आजमाने दे !!!

निशा :) smile always

सोचोगे मुझे तो मेरी आदत सी हो जाएगी .......

सोचोगे मुझे तो मेरी आदत सी हो जाएगी ,
चाहोगे मुझे तो मेरी फितरत तुम्ह्ने सताएगी ,
रुठोगे जो मुझसे तो मेरी मासूमियत तुम्हे मनाएगी ,
बाँटोगे जो मुझसे अपनी ख़ुशी तो गम  की हर तस्वीर यूँही मिट जाएगी ,
रहोगे जो मुझसे दूर तो दुरी फिर तुम्हे वापस मेरे पास लेके आएगी ,
कहोगे जो मुझसे हर एक बात तो उन बातों की वजह भी तुम्हे मिल जाएगी ,
मिलोगे जो मुझसे तो हर राह मिलने के लिए वापस तुम्हे बुलाएगी ...!!!

nisha :) smile always

आसमान की चादर ओढ़े, धरती के बिछौने में सोये.....

आसमान की चादर ओढ़े, धरती के बिछौने में सोये
लिपटे खुद में ठण्ड  से ठिठुर कर, फिर भी है सपनो में खोये
न घर के छत की कोई खबर, और रहते रास्तों में यूँही बेघर
न उनको आज का कोई डर, न ही उनको आने वाले कल की फिकर
ये  है  दुनिया का एक हिस्सा, जहाँ इन्सान एक रोटी पे जीता 
और एक दुनिया का ऐसा हिस्सा, जहाँ सिर्फ खेल के नाम पर मनचाही बोली से  लुटता पैसा
कोई हर दिन एक- एक पैसे को जोड़, अपने बच्चो को रोटी खिलाते
जी तोड़ मेहनत करके भी, एक घर ले सके इतना न कमाते 
और कोई पैसे के ढेर को कहाँ संभाले, ये समझ न पाते
उसकी फिक्र में न ही एक दिन को चैन मिलता, न ही एक वक़्त को सो पाते
कैसी ये दुनिया उप्परवाले ने बनायीं , सोच समझ कर ये रचना करायी
कहीं भूक से बिलखती आस, कहीं पैसे कमाने की ख़त्म न होती प्यास
कहीं रोज़ मर्रा की ज़िन्दगी को जीने के लिए हर दिन तडपन
कहीं पुश्तैनी जिंदगियों को बरक़रार रखने के लिए हर दिन उलझन
पर यहाँ जो आया है वो क्या अपने साथ लेके जायेगा
हर इन्सान अपने हिस्से के दुःख और सुख खुद यही भोग के  जायेगा
हर रात की उम्र होती है कम और उजाले के साथ उठती नयी उमंग
कभी तो ये वक़्त भी बदल जायेगा , नया दौर लौट के आएगा
कभी तो ऐसा भी होगा , जब इन्सान - इन्सान में परिस्थितियों का फर्क न कहलायेगा ....!!!


निशा :)

क्यूँ मुझसे रूठे हो तुम??

क्यूँ मुझसे रूठे हो तुम,
क्यूँ दिल में है शिकंज यूँ,
क्यूँ लगता तुम्हे की है चाहत कम,
क्यूँ मुझसे तकरार है यूँ,
शिकवा शिकायतों का ये रिश्ता क्या होगा कभी ख़तम,
प्यार की शुरुवात हो जिसमे हो ऐतबार कभी न कम,
दिल में ज़ज्बातों का दौर हो ऐसे की ख़ुशी से हो आँखें नम,
प्यार के मोती को चाहत की डोर में पिरोकर,
लाये हर खुबसूरत लम्हे तेरे लिए ज़िन्दगी में हम !!!

निशा :) smile always