आज कल ज़िन्दगी मुझसे है ये कह रही.......
हंसी को बाँट ले मुस्करा ले तू यहीं.......
गम को भुलाकर चाहत में उठकर जी ले इसे अभी......
ये रास्ते और ये ज़मीन न लौट के आयेंगे फिर कभी........
एक मुस्कराहट को धुंडने की जरुरत नहीं.......
वजह को चाहो तो मिल जाये खुद में ही कहीं.........!!!
निशा
हंसी को बाँट ले मुस्करा ले तू यहीं.......
गम को भुलाकर चाहत में उठकर जी ले इसे अभी......
ये रास्ते और ये ज़मीन न लौट के आयेंगे फिर कभी........
एक मुस्कराहट को धुंडने की जरुरत नहीं.......
वजह को चाहो तो मिल जाये खुद में ही कहीं.........!!!
निशा
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