Sunday, September 16, 2012

तू है तो......

कभी तू मेरे होंटों की हंसी बन मुस्कराए.....
कभी तू मेरी चाहत का गीत बन गुनगुनाये......
कभी तू मेरे आँखों के आंसूं बन छलक जाये.....
कभी तू दर्द का लम्हा बन मेरे एहसास को छू जाये.....
कभी तू अनदेखा सा सपना बन नींदों में आये....
कभी तू यादों का सहारा ले रात रात भर जगाये.....
कभी तू हाथों को जोड़कर मन से मांगी दुआ बन जाये....
कभी तू दिल में बसे हर जज़्बात का मतलब बन जाये.....
तू है तो वक़्त को बस मुट्ठी में बंद कर लेने का जी करता है.......
तू है तो ज़िन्दगी को गले लगा के बस यूँही जी लेने का जी करता है......!!

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