Monday, March 18, 2013

नींद ना आई.....

रात ने बोला सोजा मेरे कंधे पर सर रखकर,
की सुबह होने में बहुत देर है अभी,
चाँद की रोशनी ने कहा रोककर,
ठहर  मदमस्त रोशनी का ले मजा नींद आएगी तुझे तभी,
सितारों के भी अंदाज़ थे निराले देखा झांककर,
करी रोकने की कोशिश उन्हॊने भी,
पर फिर महफ़िल लगा के बैठे जो यूँ तो,
बादलों की गर्जन से फिर छुप गए सभी,
बारिश की बूंदों ने तो हाथ थाम लिया,
कहा न मिलेगा ये प्यार का वापस मौसम कभी,
कुछ पल में ही सुबह की किरण ने चेहरे पे जो दी रोशनी,
तो दिल ने कहा रात तो यूँही गुजर गई, नींद कहाँ आएगी हमे अभी,
रात तो बस यूँही गुजर गई अब नींद कहाँ आएगी हमे अभी …….!!!

निशा :)smile always

Sunday, March 17, 2013

खुदा से पूछूँ......

तरसते और भूख में व्याकुल,
मासूम आस भरी निगाहों से देख,
दोनों हाथ जो उसने मेरी तरफ बढाए,
सोच की गिरफ्त में कैद कर मुझे,
दर्द के किस्से को महसूस कराकर,
खुदा  से पूछूँ  मैं किसी को ऐसे दिन तूने क्यूँ दिखाये……!!!

खुद की तकदीर और किस्मत की लकीर से लड़ती,
इस ज़िन्दगी को क्या दूँ मैं कोई मुझे बतलाए,
हाथों में रखूं उसके मैं कलम और किताबें,
या दो पैसे के राशन से उसके कुछ दिन कट जाये
खुदा  से पूछूँ  मैं किसी को ऐसे दिन तूने क्यूँ दिखाये……!!!

दया की भीख दिखाकर क्या गलती कर रही हूँ मैं,
ये सवाल दिल में उठे बार-बार और मुझे सताए,
सही क्या है और गलत है क्या, इस असमंजस में रहकर,
उस मासूम को देख मेरा मन कुछ समझ न पाए,
खुदा  से पूछूँ  मैं किसी को ऐसे दिन तूने क्यूँ दिखाये……!!!

कहते है स्वावलंबी होना इस दुनिया का सबसे ऊँचा कर्त्तव्य है,
पर कर्म और धर्म के बीच फंसे इंसानी मन को इन सब का फर्क कैसे दिखलाये,
मांगूं मैं दुआ में रोज़ यही की खुदा की रेह्मियत का असर हो ऐसा,
कि इंसान- इंसान में फर्क न रह जाए ...........!!!

 निशा :)smile always

Friday, March 15, 2013

दिल की नगरी

दिल की  नगरी में देखो होता है अक्सर ये किस्सा,
मिले कहीं अंतरिम ख़ुशी के पल कहीं सिर्फ दर्द का हिस्सा,
रिश्ते की नीव पर बनी है इसकी दीवारें,
प्यार, चाहत, मोहोब्बत, वफ़ा और खुबसूरत सोच से हर एक कोना  सवारें,
रोज़ सोच के दरवाजे पर लगता नए लोगो का मेला,
इतनी भीड के बीच भी रहे ये वीरान दिल कितना अकेला,
शिकवा और शिकायत का भी अपना एक फसाना है,
दिल के इस नगर में हर उन हिस्सेदारों का आना जाना है,
जिनके साथ जीने की पूरी हो परिभाषा,
ख्वाबों के सफ़र से चलकर साकार हो अंत में इस दिल से जुडी हर आशा……।!!!!!

निशा :)smile always

Wednesday, March 13, 2013

मौत

  1. मौत की आगोश में सिमटकर,
    जब रुखसत हो रूह किसी की,
    नए जहाँ में शामिल हो,
    हर रिश्ते नातों से परे वो,
    सब बन्धनों को दे तोड़ इस जमीन की,

    देख उस शारीर का जनाजा,
    अश्रुओं से भीगे दामन क्यूँ,
    फिर कभी न खुले उसके लिए इस जहां का दरवाजा,
    यादों को छोड़ चल पड़े इस कदर यूँ,

    खुदा की बनायीं इस रीत का,
    अंत न कोई जान सका ,
    ज़िन्दगी की दौड़ में चलते- चलते,
    अंततः राह का हर मुसाफिर थका,
    अँधेरे के बाद कहते है रोशनी भरा जहां मिले,
    ख़त्म जो हो जाये ये सिलसिला तो क्या पता कौन कब कहाँ मिले…...!!!

    निशा :) smile always

उम्मीदों की गठरी

उम्मीदों की गठरी बांध कर ,
हम जब चल पड़े घर से निकल कर,
काटों की चुभन मिली हर मोड़ पर,
हाथों की लकीरों को मुट्ठी में कैद कर,
मंजिलों को पाने की चाह लिए,
टूटते ख्वाबों को छोड़कर,
हाथों से फिसलती रेत की तरह,
छुटा कहीं किसी का साथ भी,
पर फिर नए रिश्तों की गांठ बांध ,
लिया हाथों में हाथ भी,
सब्र के साथ पुरे किये वादे कई,
सहेजता से पार की मंजिल नयी,
विश्वास खुद में कभी छोड़ा नहीं,
जीने की ललक के साथ,
जिया ज़िन्दगी को जी भर के यहीं .....

nisha :) smile always

अपने जज्बों की कहानी

आज कई दिनों बाद कलम से निकले शब्दों को मैंने जुबान दी,
और फिर एक पन्ने पर अपने जज्बों की कहानी बयान की,
मिलते-बिछड़ते रिश्तों का खूब फ़साना सुना हमने,
कभी खुली आँखों से भी देखे अनगिनत कई सपने,
सवरते, उलझते, और फिर बनते नए रिश्तों को भी अपनाया
खुले आसमान की रोशनी और धरती का बिछौना लिए एक छोटा घरौंदा भी बनाया,
चलते-चलते ज़िन्दगी की दौड़ में न जाने कितनी बार वो मोड़ आया,
जिसमे संघर्ष की परिभाषा थी छिपी पर फिर भी न मन डगमगाया,
चाहत, हसरत, प्यार, वफ़ा, ख़ुशी और नफरत ज़िन्दगी ने ये हर एक रूप दिखाया,
अपने लिए जीते- जीते किसी और की ख़ुशी के लिए भी जीना सिखाया ..........!!!!

निशा :) smile always

कभी

कभी भीगती पलकों ने तन्हाई से करायी मेरी मुलाकात,
कभी खामोश मंजर ने सुनाई चुप रहके हर रूठी बात,
कभी राहों का सूनापन मुझे याद दिलाये तेरा साथ,
कभी बेचैन दर्द का एहसास मुझे झिंझोर के रख दे हर बार,
कभी तेरी कमी को हर वक़्त में खोजू, फिर आँखों की नमी को अन्दर ही समेट  लूँ,
कभी झूठी हंसी से छुपा लूँ दिल के जज़्बात, फिर मन को मनाऊं और बाँटू खुद से खुद के ख़यालात,
कभी भीगती पलकों ने तन्हाई से करायी मेरी मुलाकात,
कभी खामोश मंजर ने सुनाई चुप रहके हर रूठी बात.......!!!


निशा :) smile always

अनमोल रिश्ते

रिश्तों के बंधन होते है अनमोल,
कोई न लगा सके इनका मोल,
बांटों और जियो हर पल को इनके साथ,
बांधों इनमे प्यार की गांठ,
दिल से लाओ नज़दीक हर एहसास,
बनाओ इनमे ही कुछ रिश्तों को ख़ास,
खुबसूरत पल जीकर भर लो इनमे मिठास,
एक पल आये ऐसा जब जुड़ जाये तुम्हारी हर आस,
शायद उस वक़्त जीने के लिए काफी होगा सिर्फ उनका आभास,
फिर हर अकेली राह पर पाओगे उनको अपने आस पास ......!!!!

निशा :) smile always

काश तू आ जाए...

ख़ामोशी का हर मंजर उस वक़्त मुझको कितना सताए ….
जब तेरी याद का हर पल मुझे तेरे पास बुलाये…… ….
रूठे हुए रास्ते का सूनापन मेरे दिल को बेचैन बनाये……
मन की हर एक आस में तेरी छवि दिखे और कहे काश तू आ जाए …….

खुबसूरत हंसी से भरी ठिठोलियाँ......
मासूम बारिश की बूंदों की तडपन फिर याद आये……
तेरे चलते हुए कदमो की आहट की गूंज ........
शाम की देहलीज पर मौजूद वो बातों में कैद हर किस्सा ........
हर पल तेरा मेरा साथ निभाने की वजह कहलाये ……
मन की हर एक आस में तेरी छवि दिखे और कहे काश तू आ जाए ……!!!

nisha :) smile always

मुस्कराने की वजह

मुस्कराने की वजह खोजने निकले हम,
पता चला वो तो है तुझमे ही कहीं गुम,
तेरे चेहरे पे आये जो एक हंसी,
मिले मेरे दिल को सुकून भरी ख़ुशी,
जो तेरी आँखें हो जाये नम,
तो ज़िन्दगी उदास हो मेरा वक़्त बन जाये गुमसुम,
तुझसे ये कैसा नाता जोड़ा मेरे हमदम,
की तेरे बिन एक पल को भी ज़िन्दगी में आगे न बढें मेरे कदम.....!!!

निशा :)smile always

हाथों में लेके हाथ उसका

हाथों में लेके हाथ उसका,
चल पड़े खोजने नए रास्ते और नयी मंजिलें,
सपनो की दुनिया में था चर्चा जिसका,
ले चले उसको हम अपने संग नए ख्वाबों को बुनने,
रुठते और मनाते दौर से गुजरा जो रिश्ता,
मजबूत जोड़ की गांठ बांध प्यार भरे नए सफ़र को चुनने,
मशहूर हो इन रास्तों पे होगा ऐसा कुछ तेरा मेरा हिस्सा,
सुख दुःख की हर रस्म को निभाने में प्यार होगा एक दूजे के सामने......!!!

nisha :) smile always

माँ कहके तेरा पल -पल बुलाना

सुबह शाम तेरा मुझे छोटी- छोटी जिद से सताना,
बोल-बोल कर दिन रात बस अपनी बातों से थकाना,
हर रात मेरे कंधे पर अपना सर रख कर यूँही सो जाना,
जी भर कर तेरा मुझे हर बात पर प्यार जताना,
हर छोटी चोट पर मुझे पुकार कर अपना दर्द दिखाना,
मासूमियत से भरे तेरे ख्यालों तक जाने कितनी बातों का आजाना,
कभी-कभी सपनो से डरकर नींद में तेरा मुझमे सिमटकर पास आना,
बहुत अच्छा लगता है मुझे माँ कहके तेरा पल -पल बुलाना,
बहुत अच्छा लगता है मुझे माँ कहके तेरा पल -पल बुलाना...........!!!!


nisha :) smile always

दबे पैरो की आहट लिए आया कोई मेरे रस्ते...

दबे पैरो की आहट लिए आया कोई मेरे रस्ते....
दिल में एक तस्वीर बनाई और बोला मुझसे हँसते हँसते....
दिल के ज़ज्बातों में डूबी हर एक बात है प्यारी....
पर इनको महसूस करके मुझ पर हंसती है दुनिया सारी......
मैं बोली मेरी बात मान ओह पगले हर किसी से यूँ दिल ना लगा.....
ज़ज्बातों से भरे समंदर के बहाव में खुद को यूँ ना बहा.....
इस दुनिया की रीत है जिसमे तू भी फंस कर रह जायेगा.....
अपने हिस्से का सब जी लेंगे बस तू एक सोच सोच कर पछतायेगा.....
मन के हिस्सेदारों में मिलेंगे कुछ तुझको ऐसे लुटेरे.....
जिनको समझना चाह कर भी तू कभी ना समझ पायेगा.....
वक़्त की कसौटी पर तू सही तब ही कहलायेगा.....
जब दिल की कीमत जान तू उसके सही हिस्से कर पायेगा.....!!!

निशा