Thursday, April 4, 2013

तलाश...

हर घडी हर पल करे तलाश कुछ पाने को,
बेचैन, बेसब्र, बेकरार हर जगह  जीत जाने को,
रोज़-रोज़ सपनो की गलियों से होकर गुजरता रास्ता,
मंजिल को खोजे यूँ जैसे किसी से न रहे इसका वास्ता,
नियत में बस इसके कुछ कर दिखाने की ललक दिखे,
आरजू को सच करने की  हर मुमकिन कोशिश जगे,
हालात के हर दर्द से लड़  जाये  बार- बार,
मजबूत इरादे कर चाहतों की उम्र बढाए हज़ार,
ये मन की काबिलियत जो करे द्रुद निश्चय तो मौत से भी जीत जाये रोगी,
शब्द कम पड़ जायेंगे पर  इसकी सीमा ख़त्म न होगी ……।

nisha :) smile always

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