आज कई दिनों बाद कलम से निकले शब्दों को मैंने जुबान दी,
और फिर एक पन्ने पर अपने जज्बों की कहानी बयान की,
मिलते-बिछड़ते रिश्तों का खूब फ़साना सुना हमने,
कभी खुली आँखों से भी देखे अनगिनत कई सपने,
सवरते, उलझते, और फिर बनते नए रिश्तों को भी अपनाया
खुले आसमान की रोशनी और धरती का बिछौना लिए एक छोटा घरौंदा भी बनाया,
चलते-चलते ज़िन्दगी की दौड़ में न जाने कितनी बार वो मोड़ आया,
जिसमे संघर्ष की परिभाषा थी छिपी पर फिर भी न मन डगमगाया,
चाहत, हसरत, प्यार, वफ़ा, ख़ुशी और नफरत ज़िन्दगी ने ये हर एक रूप दिखाया,
अपने लिए जीते- जीते किसी और की ख़ुशी के लिए भी जीना सिखाया ..........!!!!
निशा :) smile always
और फिर एक पन्ने पर अपने जज्बों की कहानी बयान की,
मिलते-बिछड़ते रिश्तों का खूब फ़साना सुना हमने,
कभी खुली आँखों से भी देखे अनगिनत कई सपने,
सवरते, उलझते, और फिर बनते नए रिश्तों को भी अपनाया
खुले आसमान की रोशनी और धरती का बिछौना लिए एक छोटा घरौंदा भी बनाया,
चलते-चलते ज़िन्दगी की दौड़ में न जाने कितनी बार वो मोड़ आया,
जिसमे संघर्ष की परिभाषा थी छिपी पर फिर भी न मन डगमगाया,
चाहत, हसरत, प्यार, वफ़ा, ख़ुशी और नफरत ज़िन्दगी ने ये हर एक रूप दिखाया,
अपने लिए जीते- जीते किसी और की ख़ुशी के लिए भी जीना सिखाया ..........!!!!
निशा :) smile always
No comments:
Post a Comment