Sunday, September 16, 2012

तेरी ख़ामोशी....

लोग पूछते है तेरी ख़ामोशी का सबब तो तू हंस के टाल देता है......
पर तेरा ये मायूस चेहरा मुझे तेरे दिल का सारा हाल देता है.......
गुजरे हुए वक़्त के दिए जख्मो को जो तुने दिल में दबा के रखा है......
अकेली तनहा रातों में वो आँखों में आंसूं बनके बहता है........
मैं जानती हूँ टूटे हुए दिल के टुकडो को जोड़ना आसान नहीं होता......
उस शख्स के साथ बीते पल में महसूस हर ज़ज्बात का बयान नहीं होता......
पर ज़िन्दगी से जो यूँ चला गया उसकी यादों में यूँ ना मर......
की जो है सामने आँखों के उसकी बेकद्री ना कर.......
ये जो लम्हा तू आज जी रहा है वो फिर से बीत जायेगा ..........
और फिर तू इस लम्हे की यादों को किसी एक वक़्त याद कर पछतायेगा..........

आज जी ले इसे जी भर के ये पल फिर ना लौट के आएगा........
धुंधली यादों के सहारे से तिल तिल कर तू कब तक जी पायेगा........
मुश्किल है भूल पाना पर यकीन है तू एक दिन भूल जायेगा........
दुआ है मेरी की ऐसा भी एक दिन आएगा.......
जब कोई तेरी ज़िन्दगी में तेरे इस दर्द को ख़तम कर तेरे होंटों की हंसी बन खिल खिलायेगा ......
और प्यार की उम्मीद का दामन थामे तू फिर आगे बढ़ पायेगा.......
यकीन है मुझे ये दिन जरुर आएगा........यकीन है मुझे ये दिन जरुर आएगा.!!

निशा

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