Sunday, September 16, 2012

शायरी ८ ((दिल से लिखी कुछ खास बात):

ऐसी कई बातें थी जो उन्हें रोक के कहनी थी.......
ऐसी कई सोच थी जो उनसे यूँही बाँट लेनी थी......
पर जब वक़्त आया कहने का तो उन्हने मुंह मोड़ लिया......
मेरे दिल के एहसास को छूकर भी मुझे बीच राह में छोड़ दिया.....
एक वक़्त में देखना हम टूटे हुए दिल से फिर उभर कर आयेंगे.......
ख्वाबों को एक दिन सच में हकीकत बनायेंगे......!!

निशा

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