Thursday, September 20, 2012

दिल ने कहा

जब जब दिल से सोचा इस दिल ने ठोकर मार के कहा.......
ऐ नादान तू कितना मुझे तड्पाएगा और कितना मैं सहूँ ये बता......
तेरी कमजोरी ये है की तू एहसास को ताबज्जु देता है......
पर आज के दौर पे एहसास का कोई मोल न मिलता है.....
दिखावे पे जीते है लोग इस दिल में झांक के कोई न देखता है.......
अनमोल दिल के ज़ज्बात को हर इन्सान तराजू में तोल के रखता है.........!!

निशा .

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