Tuesday, September 18, 2012

शायरी ११ (दिल सी लिखी कुछ बातें)

लिखते लिखते  आज ये सोचा की लिख दूँ मैं तुझको कुछ ऐसा......
जिसे देख तेरी आँखें भर आये और समझे तू की कोई नहीं है मेरे जैसा......
जो तेरे दिल का हर एक हाल बताये, तेरी ख़ामोशी को भी समझ जाये.......
जो दूर होकर भी तुझे अपनी याद दिलाये, और सामने रहकर हर पल तुझे हंसाये......
जो तेरी परछाईं का हिस्सा बन जाये, जब तू मांगे ख़ुशी खुदा से अपने हिस्से की ख़ुशी भी तुझे दे जाये.....
लिखते लिखते आज ये सोचा की लिख दूँ तुझको कुछ ऐसा.............!!!!

निशा

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