एक नन्हा सा सपना मेरी आँखों में पलता है...........
नन्हे नन्हे पैरो की आहट लिए जैसे कोई मेरे सामने चलता है...........
उसके होंटों पे किलकारी है .....उसकी अंखियों में नयी उम्मीदों की क्यारी है..............
उसकी हर एक अदा प्यारी है......उसमे ही सिमट गयी जैसे मेरी दुनिया सारी है............
जब सूरज कहीं ढलता है .....हर रात सपनो के रस्ते वो मुझसे आके मिलता है.................
एक नन्हा सा सपना मेरी आँखों में पलता है...........
नन्हे नन्हे पैरो की आहट लिए जैसे कोई मेरे सामने चलता है...........
कभी मुझसे रूठ जाये वो........कभी मुझे मनाये वो..................
कभी नन्हे हाथो से मुझे सहलाये वो..........कभी अपनी अठखेलियो से सताए वो............
चुपके से पास आकर मेरे कानो में वो कहता है.................
मैं और मेरा अक्स माँ तुझमे ही रहता है....................
एक अधुरा एहसास है तेरे अन्दर जिसे मैं पूरा करूँगा...................
एक दिन तेरे आँगन की क्यारी का मैं मेहेकता फूल बनूँगा.............
एक नन्हा सा सपना मेरी आँखों में पलता है...........
नन्हे नन्हे पैरो की आहट लिए जैसे कोई मेरे सामने चलता है...........
nish......
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