Monday, April 15, 2013
एक तसल्ली....
एक तसल्ली को साथ लिए जीते है हम,
की दर्दे दिल की बेतहाशि कभी तो होगी कम,
तेरे तस्सवुर को मेरी तकदीर का हिस्सा बना मेरे सनम,
शायद तब मेरी ज़िन्दगी से रुखसत हो जाये ये सारे ग़म …।
निशा :)smile always
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