चाँद की चांदनी का हुआ उसे गुमान,
चाँद ने भेजा उनको वापस ये पैगाम ,
मैं तो बस दो ही दिन का हूँ यहाँ मेहमान,
तुमसे तो रोशन है ये सारा आसमान , फिर क्यूँ फिक्र में हो इतने परेशान,
मैं हूँ अगर जिस्म तो तुम सब हो इस ब्रह्मांड की जान,
तुमसे तो रोशन है ये सारा आसमान,
तुमसे तो रोशन है ये सारा आसमान…….!!!
निशा :)
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