Monday, March 18, 2013

नींद ना आई.....

रात ने बोला सोजा मेरे कंधे पर सर रखकर,
की सुबह होने में बहुत देर है अभी,
चाँद की रोशनी ने कहा रोककर,
ठहर  मदमस्त रोशनी का ले मजा नींद आएगी तुझे तभी,
सितारों के भी अंदाज़ थे निराले देखा झांककर,
करी रोकने की कोशिश उन्हॊने भी,
पर फिर महफ़िल लगा के बैठे जो यूँ तो,
बादलों की गर्जन से फिर छुप गए सभी,
बारिश की बूंदों ने तो हाथ थाम लिया,
कहा न मिलेगा ये प्यार का वापस मौसम कभी,
कुछ पल में ही सुबह की किरण ने चेहरे पे जो दी रोशनी,
तो दिल ने कहा रात तो यूँही गुजर गई, नींद कहाँ आएगी हमे अभी,
रात तो बस यूँही गुजर गई अब नींद कहाँ आएगी हमे अभी …….!!!

निशा :)smile always

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