Tuesday, October 9, 2012

इश्वर और उसका पैगाम....

मेरे सामने लिए लोगो ने इश्वर के कई नाम.........
कोई कहे अल्लाह उसे तो कोई कहे भगवान्........
मेरे लिए तो तू ही रहीम तू ही मेरा राम........
हर दिल को इंसानियत से भर दे  तू.......
दे तू दुनिया को येही पैगाम ..........

पर फिर भी न जाने क्यूँ लोग तेरे नाम से है झगड़ते .........
दरगाह हो या मंदिर हर जगह को लेकर है लड़ते..........
इस नाम से क्या फर्क पड़ता है ...........
जब तू हर एक शख्स के दिल में बस्ता है...........
क्यूँ ऐसी सोच लेकर लोगो में दो राहे का रास्ता है.........

इस धरती पर जन्म लेकर.......
खुद इन्सान ने ये नियम बनाये..........
तुझे ही टुकडो में बाँट कर..........
हर टुकड़े के नाम सुनाये.............
पर इन सबके बीच तुने ये होने से क्यूँ इन्सान को न रोका..........
क्यूँ कहा  न उससे कि ये तो बस भ्रम है दे रहे हो खुद को ही तुम धोखा .............
शायद तू रोक लेता तो इस दुनिया में ऐसा न होता.........
इन्सान सिर्फ इंसान नाम से ही जाना जाता........
धर्म-जातियों में खुद  को बांटकर तुझे पाने के लिए  ना रोता .........!!!!

निशा :) smile always

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