Sunday, October 7, 2012

कुछ बेनाम लेख ........

उनसे अपने पास रहने कि गुजारिश हमने की..........
दिल को दिल से मिलाने की सिफारिश  हमने की.........
हसरतें तो उन्ही से जिंदा है अभी तक.........
इसलिए ज़िन्दगी से भी ज्यादा प्यार करने की ख्वाहिश हमने की.....!!!

........................................................................................................................................

उनसे दूर होने की वजह हमे ढूंड के भी न मिली........
पर उनसे प्यार होने की वजह एक नहीं हज़ार मिली.........
बेंतेहां प्यार की जगह हमने उन्हें दिल में दी..........
पर उनको हमे दिल से निकलने की वजह बार बार मिली.........!!!





..................................................................................................................................



मैं खोजती रही उनकी आँखों में अपने लिए प्यार का जहाँ.......
मेरी किस्मत की थी साजिश की मिला मुझे कोई और ही वहां.........
उसको देख के दिल टूट गया और सजा पाई मैंने यहाँ.........
टूट के बिखरे हिस्से आज भी पड़े है उनकी गली में जाने कहाँ- कहाँ......!!!




निशा :) smile always

No comments:

Post a Comment