Tuesday, January 8, 2013

फासले इतने बढे तेरे मेरे दरमियान...............

फासले इतने बढे तेरे मेरे दरमियान,
कितने भी कदम चल हम कम हुई न ये दूरियाँ,
फैसले ये दिल के हुए और सितम हुआ हम पर यहाँ,
तोडके जज्बातों का ये सिलसिला छूटा मुझसे प्यार का जहां,

कितना दौर गुजरा  और फिर लौटा तेरे साथ का वो पल,
जिसमे थी बीते वक़्त की यादें पर समझा न क्या है आने वाला कल,
छुपे हुए कल में थी फिर तुझसे बिछड़ने की बातें,
कुछ पल के लिए सही मिली मुझे ज़िन्दगी भर की सौगातें,

तेरे खयालो को साथ लेकर ज़िन्दगी यूँही बीत जाये,
तू कभी लौट कर न भी पर तेरी यादों का झरोखा हर वक़्त मुझे तेरी याद दिलाये,
शब्दों में बयान हो सके तो मन कितना कुछ कह जाये,
फासलों की इन दीवारों पर तेरी तस्वीर अक्सर मुझे समझाए,
तू जहाँ भी जाये मेरी दुआ मेरा साथ हर पल में तू पाए............!!!

nisha :) smile always

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