Friday, August 5, 2011

तेरे लिए मेरे जज्बातों का बयां कुछ शब्दों में


वो आया तो मेरी ख्वाहीशो के परिंदे उड़ने से लगे है...............


उसकी मासुमियत भरी निगाहो मे मेरे दिल के छुपे हसीन ख्वाब जुड़ने से लगे है...............


उसके नन्हे हाथो के स्पर्श मेरे दिल तक देते है दस्तक...............
उसे देख सोचती हूँ मै कि कितनी मै अकेली थी अब तक...................


वो आया तो मेरी ज़िन्दगी फुलो कि महक - सी खिल गयी.........................


उसे पाकर मै एक मां होने के अनकहे एहसास से मिल गई.........................


इसलिये आज कहती हूँ उसकी हर एक ख्वाहिश से मैने अपने ख्वाहीशो को जोड लिया है..........................


मेरी ज़िन्दगी कि किताब के हर अधुरे रस्ते को उसकी मुस्कुरात से एक खुबसुरत सफर की ओर मोड लिया है........................

No comments:

Post a Comment