Wednesday, March 17, 2010

कुछ लब्जों में दोस्ती और प्यार के एहसास.........

इस दोस्ती से है प्यार कितना मैं लाब्जो में ना कह पाऊं ...................


तेरी मेरी यारी के किस्से मैं किसको सुनाऊं ................................

जब सामने आये तू तेरी बातो में डूब जाऊँ............................

और अकेले में तेरी यादों से खुद को बहलाऊँ ................................

दूर रहकर भी तुझसे दूर ना रह पाऊँ.........................

तेरी दोस्ती तेरी यारी में जी जान लगाऊं.................................

दुआ है ये दिल से वक़्त के साथ बढती जाये ये दोस्ती......................

छोटे छोटे पलों में छिपे है तेरे मेरे दोस्ती और प्यार के मोती....................

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