Wednesday, April 17, 2013

आतंकवाद एक सबसे बड़ा भय...

ज़िन्दगी को लेना और देना हमारे बस में नहीं पर आज के समाज का चेहरा कुछ और ही कहानी कहता है जिसमे आतंकवाद एक सबसे बड़ा भय है इंसानियत को जड़ से उखाद्द देने का भय……:-

रक्त से लतपत लाशों का ढेर था,
दहशत से थरथराता शेहेर का वो कोना,
आँखों में विलुप्त खौफ का मंज़र था,
रोज़ मरती इंसानियत का ऐसा रूप हो ना,

कितनी भावनाओं का किया कत्ले-आम,
कितने घरों का सपना टूटा,
कितने आँखों को दिए अश्रु,
कितने अपनों  का साथ छूटा,
इंसान की इस वैशी प्रवृत्ति का,
सही अर्थ कोई मुझे समझाए,
मासूम  ज़िन्दगी से खेलते,
इस घ्रणित कृत्य को होने से कोई तो रोक पाए,

कभी मज़हब, कभी देश, कभी ज़मीर का लिया आसरा,
किसी  न किसी को मकसद बना के लूटा ज़िन्दगी भरा बसेरा,
भय में लिपटे आज के सच की कटुता का है ये चेहरा,
आतंक के इस भयानक रूप से परिचय हुआ मेरा……
आतंक के इस भयानक रूप से परिचय हुआ मेरा…………!!!!!

निशा :) smile always

Monday, April 15, 2013

जीवन की आखिरी साँसों में सबसे ज्यादा महत्व रखता है अपनापन, आशा है मेरी- कभी ना आये जीवन में किसी के संघर्ष भरा ये क्षण:-

हाथों का कम्पन, सवालों की उलझन,
उम्र का तकाजा, माथे पर शिकंज,
आँखों का धुंधलापन, फिक्र भरा खोखला मन,
सोच की गिरफ्त में मौजूद, साँसों से दूर भागता तन,
फ़र्ज़  अधिकार की बेड़ियों से लिपटे, बूढ़े मन से छूटी सारी  अभिलाषा,
मायूस बना के छिना अपनों ने ही, जीवन से उनके जीने की आशा,
खून पसीने से सींचकर, जिस औलाद के लिए की कुर्बान जवानी,
आज उसी ने  सर से छत छिनी, दो घूँट भी पूछा  न पानी,
बूढ़ा नकारा  समझ, उनका आदर, उनकी क़द्र ना जानी,
मुझे वृद्धाश्रम में मिली  ऐसी अनगिनत काहानी,
ये है उन लोगो का विस्तार जिन्हें जीने का मिला न आधार,
अकेलेपन से जुझते दर्द के बीच इंतज़ार में बीता उनके जीवन का सार…. !!!
निशा  :) smile always
चंद राहों का चिराग बन मैं उसके लिए मंजिल ढून्ढ लाऊं,
अँधेरे की क्या फिक्र फिर वो कहे तो चाँद को भी उसका घर बनाऊं,
दास्ताँ उसके दम से है वो नहीं तो जीने की वजह क्या बतलाऊं,
उसे भुलाने की खता नहीं कर सकती कभी ऐसा हो तो खुद को ही भूल जाऊं …!!!!

निशा :) smile always
कहते है दुनिया वाले जिसे मोहोब्बत,
शायद मेरी किस्मत को वो नहीं हासिल,
इतने बेआबरू हो कर तेरे कूंचे से हम निकले,
कि टुकड़ों में बाँट के भेजा तूने शीशे सा मेरा ये दिल ....!!!

निशा :) smile always

तुमसे रोशन सारा आसमान....

चाँद की चांदनी का हुआ उसे गुमान,
खुद की बेशुमारी में कितना उलझा था वो बेइमान,
सितारों की महफ़िल ने उसे रोका  एक शाम,
कहा न तू इस कदर जुल्म ढा हम पर हो थोडा मेहरबान,
तेरी रोशनी का सब लुत्फ़ उठाते है और तेरे आगे हम फीके पड़ जाते है,
चाँद ने भेजा  उनको वापस ये  पैगाम ,
मैं तो बस दो ही दिन का हूँ यहाँ  मेहमान,
तुमसे तो रोशन है ये सारा आसमान , फिर क्यूँ फिक्र में हो इतने परेशान,
मैं हूँ अगर जिस्म तो तुम सब हो इस ब्रह्मांड की जान,
तुमसे तो रोशन है ये सारा आसमान,
तुमसे तो रोशन है ये सारा आसमान…….!!!

निशा :)

अश्क....

अश्क नयनों की सुर्ख़ियों का किस्सा जतलाते है,
अश्क ह्रदय में दफ़न सूनेपन की विरह को बतलाते है,
अश्क आँखों के चिलमन से उतरकर दर्द की दास्ताँ सुनाते है,
अश्क सुलगी रातों में बहकर अँधेरे का अर्थ समझाते है,
अश्क फिक्र की आग में जलकर व्यर्थ मन को और कमजोर बनाते है,
अश्क स्वप्न में  उलझी अधूरी ख्वाहिश को और बढाते है,
अश्क यादों की चिंगारी में झुलसते दिल को और तड़पाते  है,
अश्क सीने के एक -एक हिस्से में बसे हर शख्स के लिए प्यार को महसूस कराते है,
इसलिए अश्क हीरे- मोती से ज्यादा अनमोल कहलाते है,
क्यूंकि ये अश्क ही हैं जो रिश्तों के मिलन की वजह बन जाते है…… !!!

:निशा :) smile always

एक तसल्ली....

एक तसल्ली को साथ लिए जीते है हम,
की दर्दे दिल की बेतहाशि कभी तो होगी कम,
तेरे तस्सवुर को मेरी तकदीर का हिस्सा बना मेरे सनम,
शायद तब मेरी ज़िन्दगी से रुखसत हो जाये ये सारे  ग़म …।

  

निशा :)smile always

भय....

इंसानी मन भयभीत बन, हर सच्चाई  से घबराता है,
गलत के आगे घुटने टेक, विपदा फिर उसे मिले अनेक ,
संघर्षमय जीवन से बचकर, फिर उसी दुविधा भरे भय से वो टकराता है,
रब की देन जीवन से प्रेम, निर्भयता को जब वो अपनाता है,
हार को छोड़ जीवन को दे नया मोड़, फिर जीत का हर परचम वो फेहराता है……।!!!

निशा :) smile always

कलयुग की ये दुनिया.....

अच्छाई की कीमत है कितनी,
दो गज ज़मीन जितनी ,
नेकी कर दरिया में डाल,
ना कर तो दुनिया  खड़े करे सवाल,
रोटी , कपडा और मकान,
एक वक़्त सिर्फ इसके लिए जीता था इंसान,
आज बना इतना बेइमान,
झूठ, कपट, लालच, हवस भरी सोच लिए खुद में हैरान,
सुख का भागिदार बने हर कोई,
दुःख की घडी में अपनों की ही नियत सोयी,
देखो कितनी विडम्बना है छाई,
कलयुग की ये अजब अनोखी दुनिया में,
मिले आगे कुआँ पीछे खाइ……. !!!
निशा :) smile always

गुजरे कल से निकलकर ………. …

गुजरे कल से निकलकर मेरा आज,
आने वाले कल से जो टकराएगा,
नए दौर में बदलेंगे रोज़ के किस्से,
सामने चुनौती देता ये वक़्त जाने क्या- क्या दिखलायेगा,
बीती बातों में थी शर्म हया,
घूँघट में छिपा था चाँद कभी,
पर आज किसी को कहाँ  फिकर,
खुलेपन के इस  दौर से कौन शख्स यहाँ बच पायेगा,
मोल थे पैसे के बहुत,
एक-एक दाने को मुहताज था कभी,
पर आज इन सब का करे कौन ज़िकर,
हाथों के मैल के जैसा ये भी कभी कम कभी ज्यादा तू पायेगा ,
ज़िन्दगी की हिस्सेदारी मे,
प्यार था अनमोल कभी,
धीरे-धीरे सीमा से परे ,
इस अनमोल शब्द का अर्थ भी विचलित मन भूलता जाएगा

गुजरे कल से निकलकर ………. ……।!!!

nisha :) smile always

सूनापन....

एक अजीब सा सूनापन, एक अजीब सी खलिश है,
बहुत बेजार से दिन गुजरे मेरे, बहुत मायूस ये तपिश है,
पीछे मुड के देखूं बार-बार, तो खुद में ही सवाल उठे,
आगे बढूँ जो दो कदम भी, तो मुझसे रूठी राहें   मुझे रोके,
तकिये पर रोज़ ख्वाबो का मंजर टूटता बिखरता दिखता मुझे,
सुबह की किरण से ओझल हो सब, दिल तो फिर भी संभाले न संभले,
राख से उभर कर आये थे, फिर उसी राख में एक दिन दफ़न हो जाएगा,
शरीर भी एक दिन इस दुनिया में अपने होने की कीमत अलविदा कह चुकाएगा …. !!!

nisha :) smile always

Thursday, April 4, 2013

मेरे हालात...

दो पल के सिलसिले नहीं ये दिल के जज़्बात है,
प्यार के लब्जों से सजे कुछ ऐसे खयालात है,
जिस्म से रूह तक पहुंचा इसका कारवां,
मोहोब्बत से निखरे इश्क में मशरूफ कुछ ऐसे मेरे हालात है…….!!!
निशा :) smile always

एक मेहमान...

खुबसूरत एहसास ने दिल में बुलाया एक मेहमान,
प्यार की अनछुई सी पूरी की उसने दास्ताँ,
फूल खिले ख्वाहिशों  के जागते रहे अरमान,
चाहातों की वादियों में खिला मोहब्बत का गुलिस्तान,
साहिलों पर खड़ी  मंजिल न खोजे  कोई कश्तियाँ,
 हाथ थामे जो चल दिए तो साथ जैसे सारा जहां,
तिन-तिन कर नन्हे सपनो से जोड़ा ये तेरा मेरा आशियाँ,
खिलखिलाती जमीन की महक जिसमे, उजाले लिए अपने संग खुला आस्मान……

निशा :)smile always

तलाश...

हर घडी हर पल करे तलाश कुछ पाने को,
बेचैन, बेसब्र, बेकरार हर जगह  जीत जाने को,
रोज़-रोज़ सपनो की गलियों से होकर गुजरता रास्ता,
मंजिल को खोजे यूँ जैसे किसी से न रहे इसका वास्ता,
नियत में बस इसके कुछ कर दिखाने की ललक दिखे,
आरजू को सच करने की  हर मुमकिन कोशिश जगे,
हालात के हर दर्द से लड़  जाये  बार- बार,
मजबूत इरादे कर चाहतों की उम्र बढाए हज़ार,
ये मन की काबिलियत जो करे द्रुद निश्चय तो मौत से भी जीत जाये रोगी,
शब्द कम पड़ जायेंगे पर  इसकी सीमा ख़त्म न होगी ……।

nisha :) smile always

काश ऐसा हो....

काश ऐसा हो की तू सपना कोई देखे,
तो उसको साकार मैं कर  जाऊं,
काश ऐसा हो की किसी दर्द से तेरी शाम जो  गुजरे ,
तो पहली  किरण से खुबसूरत सुबह तुझे दे जाऊं,
काश ऐसा हो की तेरी आँखों में  और चेहरे पे ख़ुशी जो दिखे,
तो  कारण का पहला नाम मैं ही कहलाऊं,
काश ऐसा हो की तू पीछे पलट के जो देखे,
तो किसी और से पहले मैं ही सामने आऊँ,
काश ऐसा हो की तू रूठे जो किसी से,
तो मनाने की हर कोशिश में मैं तुझको मनाऊं,
काश ऐसा हो की जो महसूस हो तुझे अकेलापन,
तो तेरी परछाईं बन मैं तेरी हर कमी को पूरा  कर जाऊं,
काश ऐसा हो की तू खुद में टटोले खुद को,
तो मेरे अक्स में मैं तेरी ही छवि को पाऊं .........!!

nisha :) smile always

जीवन का सारांश....

दिन  के उजाले और रात के टिमटिमाते तारे,
रोशनी दे ऐसी धरती का हर एक कोना सवारें,
सुबह की किरण और चाँद की चांदनी के नज़ारे,
अँधेरे  को छोड़ उजाले की तरफ बढ़ने का मकसद दे ये सारे

हवाओं का रुख और बादलों का गरजना,
जैसे बिन बुलाई विपदा का ज़िन्दगी में आना,
बिजलियों का कड़कना और बिन मौसम बरसात का होना,
जैसे दुःख की घडी में अपनों का रोना

उसने किया सृष्टि का निर्माण यूँ,
जैसे हर एक के अस्तित्व का है कुछ कारण यहाँ,
कहीं सजल तो कहीं प्रबल है वक़्त क्यूँ ,
मानवता के जीवन का सारांश छुपा है जाने कहाँ ……!!!! 

निशा :) smile always

तू रूठ जाये....

रूठे मुझसे मेरी किस्मत,
जो तू मुझसे रूठ जाये,
शीशे से दिल के बिखरे तुकडे,
 दर्द के किस्से सुनाये,
अधूरे एहसास लिए तेरी याद में,
मेरा रोम रोम चिल्लाये,
मेरी मोहब्बत का असर हो कुछ ऐसे,
के लौट के तेरे कदम मेरे पास आये…!

nisha :) smile always

तन्हाई और मायूसी

वक़्त मायूस बन जब ज़िन्दगी को रुलाये,
तन्हाई से भरा दर्द का आलम देखो कितना सताए,
शिकायत दिल में उठे और शिकवा ज़िन्दगी से बढ़ता जाये,
रूठने का मौसम हो और मानाने कोई न आये,
सपना हर अधुरा लगे, हकीकत से मन घबराए,
कोशिश कितना भी करे नाकामयाबी ही हाथ आये,
प्यार की कशिश भी कोई असर ना कर पाए,
साथ हो किसी का भी अकेला ही मन रह जाये,
भीगे दामन से एहसास सारे एक कदम भी आगे न बढ़ पाए,
वक़्त मायूस बन जब ज़िन्दगी को रुलाये,
तन्हाई से भरा दर्द का आलम देखो कितना सताए.......!!

निशा :)smile always

इन्सान

अंतर्दुंद से लड़ता इसका मन,
रहे हर दम परेशान,
झूठ से डरता सच से सकुचाता,
खुद में ही बेइमान,
कभी समुन्दर की लहरों सा बहता,
कभी खोखला कभी वीरान,
आने वाले वक़्त से घबराये,
खोजे गुजरे समय के निशान,
दुसरे की विपदा से भागे,
भली खुद की जान,
भगवान् की इस अदभुत रचना का,
नाम है इन्सान…….!!!!

निशा :) smile always
समझ और समझदारी की बेजोड़ गांठ बांध तू,
जो चल पड़े खोजने नए रास्ते और नया सफ़र,
मिले हर एक मंजिल उलझी हुई सी हर एक पथ हर एक डगर,
मशक्कत जो करनी पड़े तो तू उससे कभी न डर,
फलसफा है ये ज़िन्दगी का छोड़ जा अपने निशाँ इस तरह,
की दुनिया पे रह जाये तेरी मौजूदगी का कुछ असर ....!!!

nisha :) smile always